' र ' के विभिन्न रूप
1 र व्यंजन -- रात, राम, रस्सी, हमारा ।
२ जब 'र' स्वर रहित होता है ( इसे रेफ भी कहते हैं) तो ये अगले वर्ण के सिर पर लग जाता है।
आर्य,सूर्य,कर्म, शर्म आदि
३ 'र' से पूर्व जब कोई भी स्वर रहित व्यंजन होता है तो यह उसके पैरों में लगता है। जैसे - प्रकाश,
क्रम , चक्र , दरिद्र, ग्राम।
४ गोलाई वाले वर्णों ट , के साथ 'र' का मेल होने पर 'र' उनके नीचे लगता है।
ट्रेन , ड्रामा , ड्रम , ट्रेक्टर आदि
५ श + र= श्र , श्री ,श्रवण , श्रम।
है/ हैं
है-- एक वचन - वह लड़का इस घर में रहता है।
हैं-- बहु वचन - माता जी भोजन बना रहीं हैं। बच्चे बाग़ में खेल रहे हैं।
आप कहाँ जा रहें हैं?
परसर्ग में /मैं उत्तम पुरुष सर्वनाम
में -कारक अधिकरण - आँगन में चारपाई बिछा दो।
मैं- मैं दूसरी कक्षा में पढता हूँ।