शनिवार, 23 जून 2012




                                    हिंदी वर्ण माला 

     
         अ- अ से अनार  जिसके दाने बढाएँ खून अपार |
      आ- आ से  सब फलों का राजा आम |
       इ-  इ से  चटपटी, खट्टी इमली |
       ई-  ई से ईख  गुड़,शक्कर,चीनी की खान |
       उ-  उ से उल्लू  कहते इसको बुद्धिमान करता लेकिन उलटे काम |
       ऊ- ऊ से ऊँट  कूबड़ इसका बड़े काम का |
       ऋ- ऋ से ऋषि  प्रातः उठ कर करता ध्यान |
       ए-  ए से एड़ी  चढ़ो ऊपर करो न देरी |
       ऐ-  ऐ  से ऐनक चढ़ नाक पर दिखाए दुनिया सारी |
       ओ- ओ से ओखली  में हम कूटें धान |
       औ- औ से औरत  है शक्ति का भंडार |
        
        क- से कलम  से  तुम लिखना सीखो |
        ख- से खरगोश  के हैं लम्बें कान | 
        ग-  से गमला  गमले में खिले बहुत से फूल |
        घ-  से घर   घर में रहो सब मिल-जुलकर |
       
         च- से चरखा  चरखे पर है सूत कतता  |
         छ- से छाता धूप,बारिश से हमें बचाता | 
         ज- से जल  जल ही है जीवन |
         झ- से झंडा  झंडा ऊँचा रहे हमारा |
      
         ट- से टमाटर  लाल- लाल खाओ इसे और करो गुलाबी गाल |
         ठ- से  ठठेरा  तवा,हथौड़ी चूल्हा बनाता |      
         ड- से डमरू  डम-डम बाजे शिव का डमरू |
         ढ-  से ढक्कन  भोजन ढक्कन लगा कर पकाओ,बीमारी को 
               दूर भगाओ |


         त- से तरबूज  गर्मी में खाओ तर हो जाओ |
         थ- से थरमस  गर्म-ठंडा पेय है मिलता |
         द- से दवात  नीली,लाल स्याही रखे अपने पास |
         ध- से ध्यान  ध्यान से है बढ़ता ज्ञान |
         न- से नल   नल में पानी समय से आता-जाता |
         
         प- से पतंग  पतंग उड़ी आसमान छूने |
         फ- से फल   खाओ सदा मुस्कुराओ |
         ब-  से बच्चा  बच्चा बहुत ही अच्छा,होता मन का सच्चा |  
         भ- से भालू   बहुत चालाक,खाता मांस और घास |


         य- से यज्ञ  यज्ञ करो पर्यावरण को स्वच्छ करो |
         र-  र से रस्सी  कूदो -बाँधो कितनी अच्छी |
        ल-  ल से लट्टू  ले लो रस्सी खेलो खेल |
        व-   व से वर्षा   है सृष्टि की जान |             
        
        श-  श से शशि  करता शीतलता प्रदान |
        ष-   ष से षट्कोण  छह कोणों का समूह कहलाता |
        स-  स से सपेरा   बजाता बीन |
        ह-   ह  से हाथ  अपना करते काम |


        क्ष- क्ष से क्षत्रिय  करता देश की आन की रक्षा |
        त्र- त्र  से त्रिशूल   है शिव की शान |
        ज्ञ- ज्ञ से ज्ञानी  कहता जीवन है पानी |